Dr Megha Agrawal

Laparoscopic Myomectomy Surgery in Indore

Overview

Best Laparoscopic Myomectomy Surgery in Indore

Fibroids, also known as uterine leiomyomas, are non-cancerous growths that develop in or on the uterus. While many women with fibroids experience no symptoms, others may suffer from heavy menstrual bleeding, pelvic pain, frequent urination, and complications during pregnancy. When these symptoms become severe, a myomectomy, which is a surgical procedure to remove fibroids, may be necessary. One of the most advanced and minimally invasive methods for performing this surgery is through laparoscopic myomectomy. In this blog, we will explore what laparoscopic myomectomy entails, its benefits, and what patients can expect before, during, and after the procedure.

Understanding Laparoscopic Myomectomy

Laparoscopic myomectomy is a surgical procedure that removes fibroids from the uterus using a laparoscope, which is a thin, flexible tube with a camera and light at the end. The surgery is performed through small incisions in the abdomen, allowing the surgeon to view the uterus on a monitor and remove the fibroids with specialized instruments.

Indications for Laparoscopic Myomectomy

Laparoscopic myomectomy is recommended for women who:

  • Have symptomatic fibroids causing heavy bleeding, pelvic pain, or pressure.
  • Wish to preserve their uterus for future fertility.
  • Prefer a minimally invasive approach to avoid the risks and recovery associated with open surgery.

The Laparoscopic Myomectomy Procedure

The laparoscopic myomectomy procedure involves several steps:

  1. Preoperative Preparation:

    • Medical Evaluation: A thorough medical evaluation, including blood tests and imaging studies like ultrasound or MRI, to assess the size, number, and location of fibroids.
    • Medications: Preoperative medications to reduce the size of fibroids and minimize bleeding.
  2. Anesthesia:

    • General Anesthesia: The patient is placed under general anesthesia to ensure comfort and immobility during the procedure.
  3. Surgical Procedure:

    • Small Incisions: The surgeon makes a few small incisions (typically 0.5 to 1 cm) in the abdomen.
    • Laparoscope Insertion: A laparoscope is inserted through one of the incisions, and the abdominal cavity is inflated with carbon dioxide gas to create space for the surgery.
    • Fibroid Removal: Specialized instruments are used to cut and remove the fibroids from the uterine wall. The removed fibroids are usually broken into smaller pieces (morcellation) and extracted through the incisions.
    • Uterine Repair: The uterine wall is carefully sutured to ensure proper healing and minimize scarring.
  4. Postoperative Care:

    • Recovery Room: The patient is monitored in the recovery room until the effects of anesthesia wear off.
    • Pain Management: Pain medication is provided to manage postoperative discomfort.
    • Hospital Stay: Most patients can go home the same day or the day after the surgery.

Benefits of Laparoscopic Myomectomy

Laparoscopic myomectomy offers several advantages over traditional open surgery (laparotomy):

  • Minimally Invasive: Smaller incisions result in less trauma to the body.
  • Reduced Pain: Less postoperative pain compared to open surgery.
  • Shorter Hospital Stay: Most patients can go home within 24 hours.
  • Faster Recovery: Quicker return to normal activities and work.
  • Lower Risk of Complications: Reduced risk of infection and bleeding.
  • Preservation of Uterus: Maintains the integrity of the uterus, which is important for women who wish to conceive in the future.

Recovery and Postoperative Care

Recovery from laparoscopic myomectomy is generally quicker and less painful than recovery from open surgery. Here are some key aspects of postoperative care:

  • Rest: Adequate rest is essential during the first few days after surgery.
  • Activity: Light activities can be resumed within a few days, but strenuous activities and heavy lifting should be avoided for at least 2-4 weeks.
  • Follow-Up Appointments: Regular follow-up appointments with the gynecologist to monitor healing and address any concerns.
  • Pain Management: Over-the-counter pain relievers or prescribed medications to manage pain and discomfort.
  • Incision Care: Keeping the incision sites clean and dry to prevent infection.
  • Diet: A balanced diet rich in fiber to prevent constipation, which can be a common postoperative issue.

Potential Risks and Complications

While laparoscopic myomectomy is generally safe, there are potential risks and complications, including:

  • Bleeding: Excessive bleeding during or after the surgery.
  • Infection: Risk of infection at the incision sites or internally.
  • Scar Tissue Formation: Adhesions that could cause future fertility issues or pain.
  • Damage to Surrounding Organs: Although rare, there is a risk of injury to nearby organs such as the bladder, bowel, or blood vessels.
  • Anesthesia Risks: Potential adverse reactions to anesthesia.

Laparoscopic myomectomy is a highly effective and minimally invasive option for women suffering from symptomatic fibroids. This advanced surgical technique offers numerous benefits, including reduced pain, faster recovery, and preservation of fertility. If you are experiencing symptoms related to fibroids and are considering surgical options, consult with your gynecologist to determine if laparoscopic myomectomy is the right choice for you.

इंदौर में सर्वश्रेष्ठ लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी सर्जरी

फाइब्रॉएड, जिसे गर्भाशय लेयोमायोमा के रूप में भी जाना जाता है, गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि है जो गर्भाशय में या उसके ऊपर विकसित होती है। जबकि फाइब्रॉएड वाली कई महिलाओं को कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, अन्य महिलाओं को भारी मासिक धर्म रक्तस्राव, पैल्विक दर्द, बार-बार पेशाब आना और गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। जब ये लक्षण गंभीर हो जाते हैं, तो मायोमेक्टोमी, जो फाइब्रॉएड को हटाने के लिए एक शल्य प्रक्रिया है, आवश्यक हो सकती है। इस सर्जरी को करने के लिए सबसे उन्नत और न्यूनतम इनवेसिव तरीकों में से एक लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी है। इस ब्लॉग में, हम यह पता लगाएंगे कि लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी क्या है, इसके लाभ और प्रक्रिया से पहले, दौरान और बाद में मरीज क्या उम्मीद कर सकते हैं।

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी को समझना

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी एक शल्य प्रक्रिया है जिसमें लेप्रोस्कोप का उपयोग करके गर्भाशय से फाइब्रॉएड को हटाया जाता है, जो एक पतली, लचीली ट्यूब होती है जिसके अंत में एक कैमरा और लाइट होती है। सर्जरी पेट में छोटे चीरों के माध्यम से की जाती है, जिससे सर्जन गर्भाशय को मॉनिटर पर देख सकता है और विशेष उपकरणों के साथ फाइब्रॉएड को हटा सकता है।

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी के लिए संकेत

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी की सिफारिश उन महिलाओं के लिए की जाती है जो:

  • लक्षणात्मक फाइब्रॉएड के कारण भारी रक्तस्राव, पैल्विक दर्द या दबाव हो सकता है।
  • भविष्य में प्रजनन क्षमता के लिए अपने गर्भाशय को संरक्षित रखना चाहती हैं।
  • खुली सर्जरी से जुड़े जोखिम और रिकवरी से बचने के लिए न्यूनतम आक्रामक दृष्टिकोण को प्राथमिकता दें।

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी प्रक्रिया

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं:

  1. सर्जरी से पूर्व तैयारी:
    • चिकित्सा मूल्यांकन: फाइब्रॉएड के आकार, संख्या और स्थान का आकलन करने के लिए रक्त परीक्षण और अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसे इमेजिंग अध्ययन सहित एक संपूर्ण चिकित्सा मूल्यांकन।
    • दवाएं: फाइब्रॉएड के आकार को कम करने और रक्तस्राव को न्यूनतम करने के लिए प्रीऑपरेटिव दवाएं।
  2. संज्ञाहरण:
    • सामान्य संज्ञाहरण: प्रक्रिया के दौरान आराम और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रोगी को सामान्य संज्ञाहरण के तहत रखा जाता है।
  3. शल्य प्रक्रिया:
    • छोटे चीरे: सर्जन पेट में कुछ छोटे चीरे (आमतौर पर 0.5 से 1 सेमी) लगाता है।
    • लेप्रोस्कोप सम्मिलन: एक चीरे के माध्यम से लेप्रोस्कोप डाला जाता है, और सर्जरी के लिए जगह बनाने के लिए उदर गुहा को कार्बन डाइऑक्साइड गैस से फुलाया जाता है।
    • फाइब्रॉएड हटाना: गर्भाशय की दीवार से फाइब्रॉएड को काटने और निकालने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है। निकाले गए फाइब्रॉएड को आमतौर पर छोटे टुकड़ों (मोरसेलेशन) में तोड़ दिया जाता है और चीरों के माध्यम से निकाला जाता है।
    • गर्भाशय की मरम्मत: उचित उपचार सुनिश्चित करने और निशान को कम करने के लिए गर्भाशय की दीवार को सावधानीपूर्वक सिल दिया जाता है।
  4. शल्यक्रिया के बाद देखभाल:
    • रिकवरी रूम: एनेस्थीसिया का प्रभाव समाप्त होने तक रोगी की रिकवरी रूम में निगरानी की जाती है।
    • दर्द प्रबंधन: ऑपरेशन के बाद होने वाली असुविधा को प्रबंधित करने के लिए दर्द की दवा दी जाती है।
    • अस्पताल में रहने का समय: अधिकांश मरीज उसी दिन या सर्जरी के अगले दिन घर जा सकते हैं।

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी के लाभ

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी पारंपरिक खुली सर्जरी (लैपरोटॉमी) की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है:

  • न्यूनतम आक्रामक: छोटे चीरों से शरीर को कम आघात पहुंचता है।
  • कम दर्द: खुली सर्जरी की तुलना में ऑपरेशन के बाद कम दर्द होता है।
  • अस्पताल में कम समय तक रहना: अधिकांश रोगी 24 घंटे के भीतर घर जा सकते हैं।
  • तीव्र रिकवरी: सामान्य गतिविधियों और काम पर शीघ्र वापसी।
  • जटिलताओं का कम जोखिम: संक्रमण और रक्तस्राव का कम जोखिम।
  • गर्भाशय का संरक्षण: गर्भाशय की अखंडता को बनाए रखता है, जो भविष्य में गर्भधारण की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

रिकवरी और ऑपरेशन के बाद की देखभाल

लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी से रिकवरी आमतौर पर ओपन सर्जरी से रिकवरी की तुलना में तेज़ और कम दर्दनाक होती है। यहाँ पोस्टऑपरेटिव देखभाल के कुछ मुख्य पहलू दिए गए हैं:

  • आराम: सर्जरी के बाद पहले कुछ दिनों के दौरान पर्याप्त आराम आवश्यक है।
  • गतिविधि: हल्की गतिविधियां कुछ दिनों में फिर से शुरू की जा सकती हैं, लेकिन कठिन गतिविधियां और भारी वजन उठाने से कम से कम 2-4 सप्ताह तक बचना चाहिए।
  • अनुवर्ती नियुक्तियाँ: उपचार की निगरानी और किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ नियमित अनुवर्ती नियुक्तियाँ।
  • दर्द प्रबंधन: दर्द और परेशानी को प्रबंधित करने के लिए ओवर--काउंटर दर्द निवारक या निर्धारित दवाएं।
  • चीरे की देखभाल: संक्रमण को रोकने के लिए चीरे वाले स्थान को साफ और सूखा रखें।
  • आहार: कब्ज को रोकने के लिए फाइबर से भरपूर संतुलित आहार लें, जो कि ऑपरेशन के बाद होने वाली एक आम समस्या हो सकती है।

संभावित जोखिम और जटिलताएँ

यद्यपि लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी सामान्यतः सुरक्षित है, फिर भी इसमें संभावित जोखिम और जटिलताएं हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • रक्तस्राव: सर्जरी के दौरान या बाद में अत्यधिक रक्तस्राव।
  • संक्रमण: चीरा स्थल या आंतरिक रूप से संक्रमण का खतरा।
  • निशान ऊतक गठन: आसंजन जो भविष्य में प्रजनन संबंधी समस्याएं या दर्द का कारण बन सकते हैं।
  • आसपास के अंगों को क्षति: यद्यपि यह दुर्लभ है, लेकिन मूत्राशय, आंत्र या रक्त वाहिकाओं जैसे आसपास के अंगों को चोट लगने का खतरा रहता है।
  • संज्ञाहरण जोखिम: संज्ञाहरण के प्रति संभावित प्रतिकूल प्रतिक्रिया।

लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी लक्षणात्मक फाइब्रॉएड से पीड़ित महिलाओं के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और न्यूनतम आक्रामक विकल्प है। यह उन्नत सर्जिकल तकनीक कई लाभ प्रदान करती है, जिसमें कम दर्द, तेजी से रिकवरी और प्रजनन क्षमता का संरक्षण शामिल है। यदि आप फाइब्रॉएड से संबंधित लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं और सर्जिकल विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, तो यह निर्धारित करने के लिए अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें कि क्या लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी आपके लिए सही विकल्प है।

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FAQs

Dr. Megha Agrawal, a renowned laparoscopic surgeon in Indore, specializes in gynaec laparoscopic surgery, including myomectomy. Contact her at +91-9993295975 for expert care.

laparoscopic myomectomy in Indore, offers numerous benefits, including reduced post-operative pain, shorter hospital stays, minimal scarring, and quicker recovery. Dr. Megha Agrawal ensures these advantages for her patients.

Women in Indore with symptomatic fibroids who wish to preserve their uterus are ideal candidates. Dr. Megha Agrawal assesses each case individually to determine suitability for the procedure.

Recovery time in Indore typically ranges from 2-4 weeks, which is shorter than traditional surgery. Dr. Megha Agrawal provides comprehensive post-operative care to ensure a swift recovery.

Risks include infection, bleeding, and organ injury. Dr. Megha Agrawal, a top laparoscopic surgeon in Indore, takes all necessary precautions to minimize these risks during your surgery.

The procedure usually lasts 2-4 hours. Dr. Megha Agrawal in Indore conducts the surgery efficiently to ensure the best outcomes for her patients.

Yes, many women can conceive after laparoscopic myomectomy. Dr. Megha Agrawal in Indore can provide guidance on fertility and help with any concerns post-surgery.

Preparation involves blood tests and imaging, as advised by Dr. Megha Agrawal. In Indore, she provides detailed pre-operative instructions to ensure you are ready for the procedure.

Dr. Megha Agrawal, a leading laparoscopic surgeon in Indore, offers expert laparoscopic myomectomy services. For consultations, reach out to her at +91-9993295975.

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